कांग्रेस पार्टी को इन 4 कारणों से करना पड़ा हार का सामना। पढ़िए विस्तार से….
कांग्रेस पार्टी को आज चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। जब वीरभद्र सिंह से पूछा गया कि आप इस हार के लिए किसे जिम्मेदार मानते हैं तो उन्होंने कहा कि यह सब चुनाव प्रचार में कमियों के कारण हुआ है उसके विपरीत बीजेपी ने पूरी जोर शोर से अपना प्रचार किया। उन्होंने यह भी कहा कि मुझसे जितना बनता था वो मेने अकेले ही किया। यह सब मेरी नेतृत्व में हुआ है तथा मैं इसकी जिम्मेदारी लेता हूं। हमारा मानना है कि कहीं ना कहीं इन 4 कारणों की वजह से कांग्रेस पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। आइए जानते क्या है वह कारण: 1. चुनाव प्रचार में कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम मात्र योगदान होना। चुनाव प्रचार में वीरभद्र सिंह जिनकी उम्र 83 साल है ने अकेले ही प्रदेश भर में रैलियों के द्वारा चुनाव में जीतने की उम्मीद से संघर्ष किया।…
आंकड़ों के मुताबिक भाजपा की सरकार बनना तय पर वही मुख्यमंत्री उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल को मिली मात
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हिमाचल प्रदेश मे कुल 50,25,941 मतदाता हैं तथा निर्वाचन क्षेत्रों की कुल संख्या 68 है। अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए 20 सीट आरक्षित हैं। एससी के लिए आरक्षित 17 सीट, एसटीएस 3 के लिए आरक्षित हैं। Image Source हिमाचल प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों के लिए 337 उम्मीदवारों में से कुल 19 महिलाएं इस बार चुनाव मैदान में उतरे थे। 337 उम्मीदवारों में से 112 स्वतंत्र उम्मीदवार थे। हिमाचल प्रदेश में प्रतिस्पर्धा तो सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच ही थी। News Source :- DD National अभी तक सभी न्यूज़ चैनल भाजपा को आगे बता रहे हैं तथा संकेत दे रहे हैं की पूर्ण बहुमत से भाजपा की सरकार हिमाचल प्रदेश में बनेगी। Image Source :- The Hindu Image Source Election Commition India Image Source News18india अभी सूत्रों से पता चला है की कांग्रेस तथा भाजपा ने 2-2…
अभी तक आए सर्वे में कौन है किस्से कितना आगे? पढ़िए पूरी ख़बर ⬇️
याद हो कि 9 नवंबर को हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में 74 प्रतिशत मतदाता ने मतदान हुआ था। हिमाचल में भाजपा ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर वीरभद्र सिंह की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार को सत्ता से बेदखल करने की मांग की थी और अभी तक आए सभी सर्वे से ऐसा प्रतीत भी हो रहा है। Image Source हिमाचल प्रदेश मे कुल 50,25,941 मतदाता हैं।हिमाचल प्रदेश के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र की कुल संख्या 68 है। अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए 20 सीट आरक्षित हैं। एससी के लिए आरक्षित 17 सीट, एसटीएस 3 के लिए आरक्षित हैं। Image Source हिमाचल प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों के लिए 337 उम्मीदवारों में से कुल 19 महिलाएं इस बार चुनाव मैदान में हैं। 337 उम्मीदवारों में से 112 स्वतंत्र उम्मीदवार हैं। हिमाचल प्रदेश में मुख्य चुनाव सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच है। Image Source जहां कांग्रेस ने अपने मुख्यमंत्री पद के…
सतपाल सिंह सत्ती के मुताबिक 68 में से 50 सीट जीतकर भाजपा बनाएगी सरकार
Image Source हिमाचल प्रदेश भाजपा ने रविवार को विश्वास व्यक्त किया कि पार्टी विधानसभा चुनावों में कम से कम 50 सीटें जीत सकती है और एक स्थिर सरकार बना सकती है। Image Source यह भी पढ़े। जानिए हिमाचल प्रदेश के 12 जिलों के प्रसिद्ध मंदिर तथा मठ के बारे में…… Image Source 9 अक्टूबर को हुए हिमाचल प्रदेश चुनावों के बाद की स्थिति की समीक्षा के लिए भाजपा की कोर समिति रविवार को हमीरपुर में बैठक हुई। Image Source यह भी पढ़े। ताज़ा बर्फबारी की वजह से देवभूमि के यह इलाके 6 महीने के लिए शेष दुनिया से कटे “हमने विभिन्न क्षेत्रों से प्रतिक्रिया प्राप्त करने के बाद चुनाव के बाद की स्थिति पर चर्चा की और कुछ जगहों पर प्रचार में हुई कटौती की रिपोर्टों पर चर्चा की लेकिन यह निष्कर्ष पर पहुंच गया कि पार्टी स्थिर सरकार बनाएगी और 68 में से 50 से अधिक सीट जीत सकती है,”…
रिकॉर्ड मतदान के कारण कांटे की टक्कर होने की है संभावनाएं। ये आंकड़े हैं उसका प्रमाण..
9 नवंबर को हुए हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों के दौरान हुए रिकॉर्ड मतदान से कांग्रेस के और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को जबरदस्त परिणाम की अपेक्षा हैं। बीजेपी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार होने की वजह से प्रेम कुमार धूमल को कांग्रेस के वीरभद्र सिंह से कड़ा मुक़ाबले सामना करना पड़ा। इस बार मतदाताओं की संख्या पिछले चुनाव से ज्यादा थी जब उन्होंने वहां सीट जीती थीं। अर्की विधानसभा क्षेत्र जहां वीरभद्र सिंह ने चुनाव लड़ा था, वहां 74.36% मतदाताओं ने अपना मत दिया। इससे पहले, सबसे ज्यादा मतदान 73.46% था। प्रेम कुमार धूमल के विधानसभा क्षेत्र सुजानपुर में मतदान का औसत 74.07% था, जबकि पिछले चुनाव में सर्वोत्तम 69.33% था। यह कहा जा रहा है कि जहां से भारी मतदान हुआ है वहां इस बार प्रतियोगियों के बीच मुक़ाबला टक्कर का होगा। 2012 के विधानसभा चुनाव में, राज्य में 72.69% मतदान हुआ, जबकि इस बार यह 74.61 के उच्चतम स्तर…
सिरमौर जिला में हुआ सर्वाधिक मतदान,जानिए और जिलों का हाल….
13वी विधानसभा चुनाव में पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। इस चुनाव में करीब 50 लाख मतदाताओं में से 37 लाख मतदाताओं ने अपने अधिकार का इस्तेमाल किया। जो कि लगभग 75% रहा। इस चुनाव में 337 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाइए। कुछ मतदान केंद्रों पर शाम 5 बजे के बाद भी मतदाताओं की कतारें देखने को मिली। वहीं कुछ जगहो पर ईवीएम में गड़बडी के कुछ मामले सामने आए। जानिए हर जिले में कितना प्रतिशत मतदान हुआ: सिरमौर जिला में प्रदेश में सबसे अधिक 82% मतदान हुआ। सोलन में 77.4% ऊना 76% कुल्लू 77.% किन्नौर 75% बिलासपुर 75% चंबा 74% मंडी 75% शिमला 72.5% लाहौल स्पीति 73.4% कांगड़ा 72% हमीरपुर 69.50% लगाता समाचार पाने के लिए हमारे facebook group onehimachal से जुड़िए । जनता का चुनाव में इतना बढ़-चढ़कर भाग लेना एक जागरूक समाज की निशानी है। लोगों को यह भली-भांति पता है कि उनके मत का कितना महत्व है। अब देखना…
जानिए किस लिए हिमाचल प्रदेश के इन गांवों ने किया मतदान का बहिष्कार
लाहौल-स्पीति तथा मंडी जिले के कुछ गांवों ने मतदान का बहिष्कार किया। उदयपुर में सालपत गांव , लाहौल-स्पीति जिले के दारचा के योचे गांव और मंडी जिले में संधोल के लोग अपनी मांगे पूरा नहीं होने से परेशान हैं। लाहौल-स्पीति जिले में दो पंचायतों के निवासी और मंडी जिले के संधोल क्षेत्र के लोग चुनाव का बहिष्कार करेंगे क्योंकि उनका कहना है कि उनकी मांग अभी भी अधूरी है। कई वर्षों से उनके गांव के लिए जाने वाली सड़क का निर्माण अभी तक अधूरा है। उदयपुर पंचायत प्रधान मणि देवी ने thetribune को बताया, “लोग नाराज हैं और वे अपने फैसले पर अडिग हैं। हालांकि, मैंने उन्हें वोट देने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करने कोशिश की है। ” योचे गांव के लोग अपने घरों के निर्माण के लिए सुरक्षित जगह पर भूमि देने मांग कर रहे थे।आपको बता दें कि यह गांव सर्दियों और पिछले वर्ष के दौरान हिमस्खलन से ग्रस्त…
प्रेम कुमार धूमल ने राहुल गांधी को भेजा लीगल नोटिस, जानिए क्या है वजह…..
हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम व वर्तमान चुनाव में सीएम उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को लीगल नोटिस भेजा है। धूमल ने राहुल को भेजे गए नोटिस में 8 नवंबर तक माफी मांगने को कहा है। अगर राहुल ने धूमल से माफी नहीं मांगी तो उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस करने की धूमल ने बात कही है। यह मामला एक चुनावी रैली में राहुल द्वारा धूमल के ऊपर लगाए गए आरोपों के कारणवश है। राहुल गांधी ने चंबा व कांगड़ा के नगरोटा की जनसभाओं में आरोप लगाया था कि प्रेम कुमार धूमल ने सरकारी जमीन को हड़पा है और इसी कारण उनके बेटे अनुराग ठाकुर को बीसीसीआई से हटाया गया। इस तरह के आरोपों से हिमाचल में सियासत गरमा गई है। प्रदेश भर में नेता एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के तीखे आरोप लगा चुके हैं। इनमें से जो आरोप सही नहीं है वह मानहानि के केस…
फेसबुक करेगा हिमाचल और गुजरात के मतदाताओं को प्रोत्साहित। जानिए कैसे…
फेसबुक ने हिमाचल प्रदेश तथा गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के कार्यालयों के साथ मिलकर लोगों को आगामी राज्य चुनावों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने की ठानी है। इस सहयोग के एक हिस्से के रूप में, फेसबुक तीन अलग-अलग मतदान दिनों 9 नवंबर, 9 दिसंबर और 14 दिसंबर को लोगों के न्यूज़ फीड में एक अनुस्मारक(reminder) दिखलाएगा। आगामी राज्य चुनावों में लोगों को शिक्षित करने में मदद करने और उन्हें भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए यह कदम उठाया गया है। हिमाचल प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) पुष्पेंद्र राजपूत ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से मुख्यधारा के वोटरों तक पहुंचने के महत्व को अंदेखा नहीं किया जा सकता है। “फेसबुक की जैसी पहुंच है , उसे ध्यान में रखते हुए सूचना प्रसार और जागरूकता पैदा करने के लिए इस माध्यम को प्रभावी उपकरण के रूप में उपयोग करने का हमारा प्रयास रहा…
हेलिकॉप्टर में तकनीकी खराबी के कारण वीरभद्र सिंह का नाहन दौरा हुआ रद्द
हेलिकॉप्टर में तकनीकी खराबी के कारण वीरभद्र सिंह का नाहन दौरा हुआ रद्द। नाहन विधानसभा क्षेत्र में चुनावी जन सभा को संबोधित करने का कार्यक्रम था। मुख्यमंत्री का आगमन समय 4:30 बजे था । मुख्यमंत्री के हेलीकॉप्टर के उड़ान ना भर पाने की वजह से मुख्यमंत्री नाहन जनसभा सम्बोधित नहीं कर पाए। कांग्रेस पार्टी चुनाव होने से पूर्व अपना पूरा ध्यान जनता को लुभाने की कवायदों में लगी है। आज राहुल गांधी पांवटा साहिब में जनता को संबोधित कर चुके हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री के कार्याक्रम का रद्द होना कही ना कही कांग्रेस पार्टी के लिए हानिकारक साबित होगा। उन्होंने फोन पर जनता को संबोधित करते हुऐ ना आ पाने के लिए माफी मांगी।