मणिमहेश में 30 वर्ष बाद हजारों शिव भक्तों ने पवित्र झील में डुबकी लगाई है। कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर झील में श्रद्धालुओं ने स्नान किया।
झील में स्नान करने के लिए पिछले 3 दिनों मे उमड़े शिव भक्तों के जत्थे ने मंगलवार को पवित्र व गर्म पानी में स्नान किया। धार्मिक मान्यता है की रात 12 बजे कृष्ण भगवान के जन्म होने के बाद इस स्नान का महत्व शुरू होता है जो मंगलवार शाम 7 बजे तक जारी रहेगा।
दैनिक अखबार पंजाब केसरी के अनुसार 30 वर्षों के बाद इस बार एक स्नान श्रावण महीने में आया
यह गर्म स्नान इसलिए खास माना जाता है कि जिस वर्ष होली फाल्गुन महीने में आती है तो उसे सुहागिन माना जाता है तो उस साल जन्माष्टमी का स्नान भी श्रावण महीने में ही आता है।
जिसे शिवजी भगवान का पवित्र महीना माना जाता है। जिस वर्ष होली फाल्गुन महीने के बजाय चैत्र माह में आती है तो जन्माष्टमी भी भाद्रपद महीने में आती है। आम तौर पर मणिमहेश यात्रा के दोनों स्नान भाद्रपद महीने में ही आते रहे हैं जो 30 वर्षों के बाद इस बार एक स्नान श्रावण महीने में आया है।
श्रावण मास शिवजी भगवान को समर्पित है। श्रावण मास मे स्नान करने का सौभाग्य इस बार यात्रा पर आए हजारों शिव भक्तों को प्राप्त हुआ है।
News Source punjabkesri
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