पूरे हिमाचल को झकझोर देने वाले 10वीं की छात्रा से गैंगरेप व मर्डर केस की जांच बेशक सीबीआई कर रही है, लेकिन प्रदेश से जुड़े तीन अहम केस को सीबीआई आज तक अंजाम तक नहीं पहुंचा पाई है।
1. एक केस तो नवंबर 1995 का है। कानूनी मामलों के बड़े नाम एडवोकेट छबील दास का नवंबर 1995 में मर्डर हुआ था। नेपाल के रहने वाले नौकर ने ही अपने मालिक एडवोकेट छबील दास का मर्डर कर भाग गया था। एडवोकेट छबील दास शिमला के रहने वाले थे।बाद में इस केस को सीबीआई को दिया गया।
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असल में नेपाल के साथ भारत की प्रत्यार्पण संधि नहीं है।
यहीकारण है कि नेपाली हिमाचल में अपराध करके वापिस भाग जाते हैं। छबील दास मर्डर केस में भी यही हुआ। जांच के बाद ये केस अनट्रेस घोषित कर दिया गया।
2. इसी तरह शिमला के मशहूर कारोबारी हर्ष बालजीज की हत्या का केस भी सीबीआई नहीं सुलझा पाई थी। वर्ष 2003 में हर्ष बालजीज को शिमला में आर्मी ट्रेनिंग कमांड के पास गोली मार दी गई थी। ये केस भी सीबीआई को सौंपा गया था। सीबीआई इस मामले में भी अपराधियों के तक नहीं पहुंच पाई थी।
3. एक और अहम केस भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान shimla से चोरी हुए एंटीक घंटे का है। नेपाल के राजा ने इस घंटे को वायसराय को भेंट किया था। करोड़ों रुपए की कीमत के इस एंटीक घंटे को 21 अप्रैल 2010 को किसी ने भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान के गेट से चुरा लिया था। इस मामले को 7 साल हो चुके हैं
लेकिन इस केस के आरोपी अभी तक नहीं पकड़े गए हैं। इंटरनेशनल मार्केट में इसकी कीमत अरबों रुपए आंकी गई थी। पुलिस ने मामले को क्लोजर रिपोर्ट दे दी थी। इसके बाद भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान ने इस मामले की सीबीआई जांच के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उस याचिका पर हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया था। बाद में जांच सीबीआई को सौंपी गई।
हालांकि सीबीआई ने दावा किया है कि इस केस में उसे अहम सुराग हाथ लगे हैं, लेकिन इस केस के आरोपी अभी भी पकड़ से बाहर हैं।
गुड़िया गैंगरेप केस के बाद अब हिमाचल की जनता के दबाव में आकर गुड़िया केस की जांच सीबीआई के पास आई है। यह तो आने वाले समय में ही पता चल पाएगा की सीबीआई छात्रा के गुनहगारों को सामने ला पाएगी या नहीं।
Source: EenaduIndia
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