9 नवंबर को हुए हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों के दौरान हुए रिकॉर्ड मतदान से कांग्रेस के और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को जबरदस्त परिणाम की अपेक्षा हैं।
बीजेपी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार होने की वजह से प्रेम कुमार धूमल को कांग्रेस के वीरभद्र सिंह से कड़ा मुक़ाबले सामना करना पड़ा। इस बार मतदाताओं की संख्या पिछले चुनाव से ज्यादा थी जब उन्होंने वहां सीट जीती थीं।
अर्की विधानसभा क्षेत्र जहां वीरभद्र सिंह ने चुनाव लड़ा था, वहां 74.36% मतदाताओं ने अपना मत दिया। इससे पहले, सबसे ज्यादा मतदान 73.46% था।
प्रेम कुमार धूमल के विधानसभा क्षेत्र सुजानपुर में मतदान का औसत 74.07% था, जबकि पिछले चुनाव में सर्वोत्तम 69.33% था। यह कहा जा रहा है कि जहां से भारी मतदान हुआ है वहां इस बार प्रतियोगियों के बीच मुक़ाबला टक्कर का होगा।
2012 के विधानसभा चुनाव में, राज्य में 72.69% मतदान हुआ, जबकि इस बार यह 74.61 के उच्चतम स्तर तक पहुंच गया। भाजपा के वरिष्ठ नेता गुलाब सिंह ठाकुर जोगिंदरनगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर 2012 में 71.81% के मुकाबले 72.40% मतदान हुआ था।
दरांग विधानसभा क्षेत्र की सीट में, यहां से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कौल सिंह ठाकुर चुनाव लड़े थे, वहीं 78.51% के मुकाबले यहां मतदान 78.75% था। यहां, कांग्रेस के विद्रोही पुरान चंद ठाकुर में कौल सिंह ठाकुर एक चुनौती का सामना कर रहे हैं।
नगरोटा विधानसभा सीट में, कांग्रेस नेता जी एस बाली ने भाजपा प्रतियाशी अरुण कुमार मेहरा में टक्कर का मुकाबला है।
2012 चुनावों में, नगरोटा में 74.15% मतदान दर्ज किया था, जबकि इस चुनाव में 77.98% मतदान दर्ज किया गया।
धर्मशाला विधानसभा सीट पर कांग्रेस के सुधीर शर्मा और भाजपा के प्रतियाशी किशन कपूर के बीच कांटे की टक्कर है। हिमाचल प्रदेश में यह एकमात्र सीट है जहां 12 उम्मीदवार मैदान में हैं।
2012 के चुनाव में, कुल 73.90% मतदान दर्ज किया गया था, जबकि इस बार 74.55% मतदान दर्ज किया गया है।
उना विधानसभा क्षेत्र सीट में, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सट्टी ने कांग्रेस के सतपाल सिंह रायजादा के के बीच मुकाबला है। 2012 के विधानसभा चुनाव में, उना ने 75.14% मतदान किया था, जबकि इस समय 78.06% मतदान दर्ज किया गया है।
चुनाव के परिणाम 18 दिसंबर तक आने की संभावना है। जो भी निर्णय होगा संभावना है कि मुकाबला टक्कर का होगा।
Source : Times of India
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